अल्मोड़ा। जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। चुनाव प्रचार ने रफ्तार पकड़ ली है और प्रत्याशी गांव-गांव जाकर विकास के दावे कर रहे हैं। हालांकि, सबसे बड़ी चुनौती पूर्व प्रतिनिधियों के सामने आ खड़ी हुई है, जिन पर इस बार ग्रामीणों का भरोसा पहले की तुलना में कमजोर दिखाई दे रहा है। गांवों में मतदाता खुलकर कह रहे हैं कि उन्होंने पुराने चेहरों को एक बार फिर मौका दिया था, लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं मिले। इस बीच कुछ ऐसे भी प्रत्याशी हैं जिन्होंने अपने पहले कार्यकाल में उल्लेखनीय कार्य किए और जनता का विश्वास कायम रखा। ऐसे प्रत्याशियों को फिर से मौका मिलने की संभावना जताई जा रही है। खासतौर पर जिला पंचायत सदस्य पद की सीटों पर मुकाबला काफी रोचक चल रहा है। कई जगहों पर प्रतिद्वंद्विता इतनी कड़ी हो चुकी है कि राजनीतिक जानकार भी अनुमान लगाने से बच रहे हैं। प्रचार अभियान में भाजपा समेत कांग्रेस समर्थित और निर्दलीय प्रत्याशी स्थानीय मुद्दों, विकास योजनाओं और पारदर्शी नेतृत्व के वादों के साथ जनता को लुभाने में जुटे हैं। वहीं 24 जुलाई को होने वाले प्रथम चरण के चुनाव को लेकर भी 6 विकासखंडों के प्रत्याशी कमर कसे हुए हैं। जनपद के हवालबाग, सल्ट, स्याल्दे, भिकियासैंण और द्वाराहाट विकासखंडों में द्वितीय चरण में मतदान रविवार, 28 जुलाई को होना है। फिलहाल इन विकासखंडों के प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह का इंतजार है, जो शुक्रवार को आवंटित किए जाएंगे। चिन्ह न मिलने की वजह से द्वितीय चरण चुनाव प्रचार में अभी वह रफ्तार नहीं आ सकी है, जिसकी उम्मीद की जा रही थी। इसके बावजूद प्रत्याशी और उनके समर्थक घर-घर जाकर व्यक्तिगत संपर्क से समर्थन जुटाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।