अल्मोड़ा(आरएनएस)। उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के तहत एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अल्मोड़ा के अध्यक्ष न्यायाधीश श्रीकांत पांडे के मार्गदर्शन में ‘बाल विवाह मुक्त उत्तराखंड’ अभियान और ‘बाल श्रम निषेध दिवस’ के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अभियान का संचालन प्राधिकरण की सचिव शचि शर्मा द्वारा 10 से 12 जून तक किया गया। अभियान के अंतिम दिन 12 जून को रानीखेत क्षेत्र के राजकीय चिकित्सालय, कैण्ट स्कूल, ग्राम कूड़खेत चिलियानौला और ग्राम किलकोट में विधिक जागरूकता शिविरों का आयोजन हुआ। शिविर की शुरुआत नालसा के थीम गीत ‘एक मुठ्ठी आसमान’ के साथ की गई। इस दौरान ग्रामीणों और स्कूली विद्यार्थियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006, बाल विवाह के सामाजिक एवं मानसिक दुष्परिणाम, बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986, चाइल्ड लाइन नंबर 1098, क्षेत्रीय पुलिस हेल्पलाइन 112, नालसा की आपदा पीड़ितों के लिए विधिक सहायता योजना (2010) और नालसा हेल्पलाइन 15100 की जानकारी दी गई। शिविरों के दौरान बाल विवाह और बाल श्रम उन्मूलन से संबंधित पंफ्लेट और पोस्टर भी वितरित किए गए। शिविरों में अधिकार मित्र कंचन आर्या, सुनीता रानी, बसंती दौरियाल और बीना पवार सक्रिय रूप से शामिल रहे। इसके अतिरिक्त सचिव शचि शर्मा ने राजकीय चिकित्सालय रानीखेत, तहसील रानीखेत और थाना रानीखेत में संचालित लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए। निरीक्षण के दौरान अधिकार मित्र मो. वसीम, रेखा पंत और हेमा खाती उपस्थित रहे।