देहरादून(आरएनएस)। वीर माधो सिंह भडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्विद्यालय में चल रहे फ़र्ज़ी डिग्री जांच प्रकरण में प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार की पुष्टि होने के बाद सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। ये मांग डीएवी छात्रसंघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल ने सोमवार को की। वे इस मामले पर प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू हुए थे। उन्होंने बताया कि छात्र लगातार विवि में हो रही अनियमितताओं को लेकर सवाल उठा रहे थे। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को भी इस मामले की लिखित शिकायत दी थी। जिसके बाद जांच में प्रथम दृष्टया ये सामने आया कि विवि में ईआरपी और यूएमएस पोर्टल के निर्माण के नाम पर करोड़ों का घपला किया गया। जिसमें गलत तरीके से बाहर की कंपनी को बिना काम की जांच के पैसों का पूरा भुगतान कर दिया गया। सिद्धार्थ अग्रवाल ने ये भी आरोप लगाया कि अब आनन फानन में नए कुलपति की नियुक्ति के लिए विज्ञापन भी जारी कर दिया गया है। जबकि वर्तमान कुलपति और परीक्षा नियंत्रक पर कई आरोपों की पुष्टि शासन की जांच में हुई है। ऐसे में उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई व रिकवरी की मांग की गई है।!
ये हैं प्रमुख मांगें:
– शासन की समिति की रिपोर्ट के आधार पर कुलपति डॉ. ओमकार सिंह और परीक्षा नियंत्रक डॉ. वी. के पटेल को तुरंत बर्ख़ास्त किया जाये। दोनों से विश्विद्यालय के सभी गोपनीय दस्तावेजों से तुरंत दूर किया जाये, ताकि वो आगे की जांच प्रभावित न कर सकें।
– इस मामले में वित्तीय घपले की जांच के लिए ईडी की मदद ली जाए।
– ईआरपी पोर्टल तुरंत बंद किया जाए।
– फेल छात्र को डिग्री देने के संगीन मामले की जांच रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर की जाए।
– आनलाइन मूल्यांकन बंद किया जाए।