अल्मोड़ा। फॉरेस्ट फायर की रोकथाम के लिए मंगलवार को कलेक्ट्रेट के वीसी कक्ष में जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में जल निगम तथा जल संस्थान के अधिकारियों को जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि ऐसे संवेदनशील वन क्षेत्र जहां पानी की पाइप लाइन बिछी हुई हैं वहां प्रत्येक 500 मीटर पर पानी का प्वाइंट बनाया जाए, जिससे फॉरेस्ट फायर के दौरान उसका उपयोग करके आग पर काबू पाया जा सके। जिलाधिकारी ने इस संबंध में पूर्व में भी बैठक कर संबंधित अधिकारियों को इस पहल को लागू करने के निर्देश दिए थे। बैठक में पूर्व में दिए निर्देशों की भी समीक्षा हुई। जिन अधिकारियों ने इस पहल को धरातल पर उतारने के लिए अपेक्षित कार्य नहीं किया, जिलाधिकारी ने उनके प्रति नाराजगी जाहिर की तथा कड़े निर्देश दिए कि आगामी दो दिन में उपरोक्त के दृष्टिगत सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया जाए। जहां जहां प्वाइंट बनाएं जाएंगे, उन प्वाइंट को जीआईएस पर भी मैप करें। विदित हो कि यह पहल जिलाधिकारी द्वारा वनाग्नि रोकथाम के लिए प्रयोगात्मक रूप से प्रारंभ की गई है। इसके तहत लगभग 100 किलोमीटर के क्षेत्र में जहां जहां वन क्षेत्र से पेयजल लाइन बिछाई हुई हैं, वहां प्रत्येक 500 मीटर पर पानी की लाइनों में प्वाइंट बनाए जाएंगे तथा पानी के अंडर ग्राउंड टैंक भी बनाए जाएंगे। यह टैंक रिसाव रोधी होंगे तथा लंबे समय तक इनमें पानी की उपलब्धता बनी रहेगी, जिससे जंगली जानवरों को भी पीने का पानी जंगल में ही मिल सकेगा। उन्होंने जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी को निर्देश दिए कि इस कार्य हेतु सभी खंडों को दो दो लाख रुपए आंशिक आधाराशि के रूप में दे दिए जाएं, जिससे वे अपने कार्यों को सुचारू रूप से कर सकें। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी दीपक सिंह, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, डिप्टी कलेक्टर याक्षी अरोड़ा समेत संबंधित कार्यदाई संस्थाओं के अधिशासी अभियंता उपस्थित रहे।