मुंबई(आरएनएस)। फिल्म स्टार सैफ अली खान को घायलावस्था लीलावती चिकित्सालय पहुंचाने वाला आटो चालक भजन सिंह राणा अब किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उत्तराखंड के रहने वाले राणा के कितने रुपये मिले, वह इसे जगजाहिर नहीं करना चाहते। वे कहते हैं रुपये के इनाम से बड़ी बात यह है कि उनकी मुलाकात सैफ अली खान, उनके परिवार व उनकी मां शर्मिला टैगोर से हुई। पटौदी परिवार ने उन्हें जरूरत के समय मदद को उपलब्ध रहने का आश्वासन दिया। वैसे तो सैफ अली खान के पास गाड़ियों की कोई कमी नहीं, लेकिन जरूरत के वक्त उनके काम आया मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले भजन सिंह राणा का आटो।
बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान ने पिछले सप्ताह हुए हमले के बाद उन्हें अस्पताल ले जाने वाले ऑटो-रिक्शा चालक भजन सिंह राणा से मुलाकात की और समय पर की गई मदद के लिए उनका आभार व्यक्त किया था। राणा ने कहा कि खान ने न केवल समय पर की गई मदद के लिए उन्हें धन्यवाद दिया, बल्कि उन्हें वित्तीय सहायता की भी पेशकश की। हालांकि, सटीक राशि अभी भी स्पष्ट नहीं है।
खबरों के अनुसार, मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले राणा को लगभग 50,000 रुपये मिले होंगे, हालांकि चालक ने खान से किए गए वादे का हवाला देते हुए इस राशि की पुष्टि नहीं की है। जब राणा से इस राशि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे वादा किया है और मैं इस पर कायम रहूंगा। लोगों को इस बारे में अटकलें लगाने दीजिए।”
बकौल राणा ‘‘लोगों को कहने दीजिए कि उन्होंने (सैफ) मुझे 50,000 या 1,00,000 रुपये दिए, लेकिन मैं इस रकम का खुलासा नहीं करना चाहूंगा। उन्होंने मुझसे यह जानकारी शेयर न करने का अनुरोध किया है और मैं उनसे किया अपना वादा निभाऊंगा, जो भी हो, यह उनके और मेरे बीच की बात है।”
हालांकि, चालक ने बताया कि एक सामाजिक कार्यकर्ता फैजान अंसारी ने उन्हें अलग से 11,000 रुपये दिए थे। राणा ने कहा कि मंगलवार को सैफ को अस्पताल से छुट्टी मिलने से ठीक पहले जब वह लीलावती अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने अभिनेता और उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और उनकी मां शर्मिला टैगोर के पैर छुए। उन्होंने कहा कि सभी ने उन्हें बहुत सम्मान दिया और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं। उन्होंने यह भी कहा कि अभिनेता ने उनके संपर्क में रहने का वादा किया है।
ऑटोरिक्शा चालक ने कहा, ‘‘मैं कल (मंगलवार को) अस्पताल में उनसे (सैफ से) मिला। उन्होंने अस्पताल पहुंचाने में मदद करने के लिए मुझे धन्यवाद देने के वास्ते बुलाया था। उन्होंने मेरी सराहना की। मुझे उनसे और उनके परिवार से आशीर्वाद मिला। उन्होंने (खान) मुझे अपनी मां (शर्मिला टैगोर) से मिलवाया और मैंने उनके पैर छुए। उन्होंने मुझे जो भी सही लगा, रुपये दिए और कहा कि जब भी मुझे मदद की जरूरत होगी, वह उपलब्ध रहेंगे।”
राणा ने कहा कि खान को ऑटो-रिक्शा में अस्पताल ले जाने की खबर के बाद उन्हें मीडिया, दोस्तों और रिश्तेदारों के कई फोन आए हैं। प्रति माह 10,000 से 20,000 रुपये तक कमाने वाले राणा ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए काम करने का एक सामान्य दिन था। मैं अक्सर रात में ऑटो चलाता हूं। मैं इस पेशे में 15 साल से हूं, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई सेलिब्रिटी मेरे ऑटो में यात्रा करे। तब से, मेरी जिंदगी बदल गई है। आज, लगभग हर कोई मुझे मेरे नाम और चेहरे से जानता है।”