देहरादून(आरएनएस)। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने पदोन्नति में शिथिलता की सुविधा बहाल न होने पर नाराजगी जताई। परिषद अध्यक्ष अरुण पांडे ने मुख्य सचिव से जल्द शिथिलता का लाभ प्रदान कर खाली पदों पर प्रमोशन सुनिश्चित किए जाने की मांग की। मुख्य सचिव को भेजे पत्र में अध्यक्ष अरुण पांडेय ने कहा कि पदोन्नति में शिथिलता की सुविधा को जून 2023 में समाप्त कर दिया गया था। बाद में इस सुविधा को जनवरी 2024 में सिर्फ छह महीने के लिए बढ़ाया गया, लेकिन वो पूरा समय लोकसभा चुनाव की आचार संहिता में ही निकल गया। ऐसे में कर्मचारियों को प्रमोशन में शिथिलता का लाभ नहीं मिल पाया। इसके कारण आज भी विभागों में प्रमोशन के पद बड़ी संख्या में खाली पड़े हैं। विभागीय कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
कहा कि कर्मचारियों को पुरानी एसीपी का लाभ सुनिश्चित कराने में भी अब देरी न की जाए। लंबे समय से इस मांग को पूरा करने को लेकर सिर्फ कोरे आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। एसीपी के तहत 10, 16 और 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नत वेतनमान दिए जाने को कर्मचारियों का संवर्गवार आंकड़ा वित्त विभाग के पास है। ऐसे में एसीपी की पूर्व सुविधा को बहाल किया जाए। वेतन विसंगति दूर करते हुए वेतन समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। गोल्डन कार्ड में ओपीडी में जन औषधि केन्द्रों से कैशलैश दवा और सुपर स्पेश्लिस्ट पंजीकृत अस्पतालों में कैशलेस जांच की जाए।
राजकीय कार्यों को यात्रा में केंद्र सरकार की भांति 5400 ग्रेड पे प्राप्त कर रहे कर्मचारियों को हवाई यात्रा की सुविधा मंजूर की जाए। एलटीसी में अधिकतम 15 दिन और वास्तविक यात्रा के आधार पर अवकाश की व्यवस्था की जाए। वाहन भत्ता प्रतिमाह 1200 से बढाकर 2500 रुपए किया जाए। विभिन्न विभागों में पदोन्नति सेवा नियमावली एवं पुर्नगठन को मुख्य सचिव के स्तर पर बैठक आयोजित की जाएं। निगम, निकाय, विवि, अशासकीय स्कूलों के कर्मचारियों को राजकीय कर्मचारियों के समान सुविधाएं मंजूर की जाएं। सभी वर्दीधारियों को पुलिस कर्मियो की भांति सुविधाए दी जाएं। पुरानी पेंशन बहाल की जाए। आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाओं को बरकरार रखा जाए। इन मांगों पर जल्द कार्रवाई न होने पर कर्मचारी आंदोलन को मजबूर होंगे।