अल्मोड़ा। लैंगिक अपराध के एक मागले में विशेष सत्र न्यायाधीश श्रीकान्त पाण्डेय की अदालत ने अभियुक्त अजय राक्त को सजा सुनाई है। अभियोजन कहानी के अनुसार पीड़िता के पिता द्वारा 24 मई 2023 को थाना चौखुटिया में तहरीर दी थी कि उसकी नाबालिग पुत्री (पीड़िता) प्रातः 7 बजे स्कूल के लिए गई थी, उसके बाद यह घर नहीं आई है। तहरीर के आधार पर थाना चौखुटिया में प्राथमिकी दर्ज़ की गई। पुलिस जांच में 26 मई को गुमशुदा पीड़िता को नजफगढ़ दिल्ली में एक सार्वजनिक पार्क में अभियुक्त के साथ बरामद किया गया तथा अभियुक्त अजय रावत को गिरफ्तार किया गया। पीड़िता के बयानों के आधार पर अभियुक्त के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचनाधिकारी द्वारा विवेचना पूर्ण का आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा के न्यायालय में मामले में अभियोजन की ओर से 10 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित किया गया तथा अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा, विशेष लोक अभियोजक घनश्याम जोशी एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कुंवर सिंह बिष्ट के द्वारा मामले में सबल पैरवी की गई तथा दस्तावेजी साक्ष्य भी न्यायालय में प्रस्तुत किये गये। विशेष सत्र न्यायाधीश द्वारा पत्रावली पर मौजूद दस्तोवजी साक्ष्यों का अवलोकन कर अभियुक्त अजय रावत पुत्र स्व. शोबन सिंह रावत निवासी ग्राम टटलगाँव पो. रामपुर थाना चौखुटिया जिला अल्मोड़ा को धारा 363 ता.हि के अन्तर्गत तीन वर्ष का कठोर कारावास व दो हजार रूपये का अर्थदण्ड, धारा 368 ता.हि के अन्तर्गत 5 वर्ष का कठोर कारावास व छः हजार रूपये के अर्थदण्ड, धारा 376एबी एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5 जे व एम सपठित धारा 6 के अन्तर्गत 21 इक्कीस वर्ष का कठोर कारावास व 10 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। यह सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी तथा अभियुक्त द्वारा पूर्व में इस मामले में जेल में बिताई गई अवधि दण्डादेश की उक्त अवधि में समायोजित की जाएगी।