अल्मोड़ा। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में धरना देकर प्रदेश सरकार से श्रमिक अधिवक्ताओं जन आंदोलनों के नेताओं के खिलाफ गुंडा एक्ट लगाने जैसी कार्यवाही को असहनीय बताते हुए सरकार से इस पर रोक लगाने की मांग की। धरने के बाद इन संगठनों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को जिला प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन भेजकर श्रमिक संघों की न्याय संगत मांगों पर न्यायोचित कार्यवाही करने, कानून का दुरुपयोग करने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच करने की मांग की। बुधवार को विभिन्न क्षेत्रों से आए उपपा के कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में सामूहिक रूप से धरना दिया। इस मौक़े पर उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सिडकुल क्षेत्र में उद्योगपतियों व पुलिस प्रशासन को श्रमिकों के दमन व उत्पीड़न की खुली छूट दी है। वहां के पुलिस प्रशासन में श्रम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 6 श्रमिक नेताओं पर गुंडा एक्ट लगाने की कार्यवाही शुरू की है जिसके खिलाफ श्रमिकों तथा जनता में भारी आक्रोश है। धरने की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गोविंद लाल वर्मा ने कहा कि देहरादून में सैन्य धाम में भ्रष्टाचार का मामला उठाने वाले अधिवक्ता पर गुंडा एक्ट लगाकर जिला बदर करने की कार्यवाही की गई इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए। धरना स्थल पर हुई सभा को बिशन सिंह बिष्ट, हेम पांडे, बसंत खनी, राम सिंह, कौस्तुभानंद, किरन आर्या आदि ने भी संबोधित किया। धरने का संचालन उपपा के महासचिव अमीनुर्रहमान ने किया। धरने में एडवोकेट जीवन चंद्र, एडवोकेट पान सिंह, एडवोकेट भारती, एडवोकेट वंदना कोहली, गिरीश राम, चंपा सुयाल, धीरेंद्र मोहन पंत समेत बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।