देहरादून(आरएनएस)। परिवार पहचान पत्र प्रोजेक्ट पर सरकार एक कदम और आगे बढ़ी है। गुरूवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वित्त व्यय समिति की बैठक में प्रोजेक्ट के बजट को हरी झंडी दे दी। नियोजन विभाग को इस प्रोजेक्ट के वेंडर के चयन के लिए एक महीने का वक्त दिया गया है। भविष्य में सरकारी योजनाओं के लाभ लेने के लिए परिवार पहचान पत्र को यूनीक आईडी के रूप में प्रयोग किया जाएगा। लोगों को भी अलग अलग दस्तावेज जुटाने की मुश्किल से भी राहत मिलेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि परिवार पहचान पत्र यूनीक आईडी के रूप में आवासीय पते के प्रमाण के रूप में काम करेगा। इससे जाति प्रमाण पत्र और आवासीय प्रमाण पत्र तुरंत जारी किए जा सकते हैं। सभी पात्र लोग यूनिक आईडी के डेटाबेस का हिस्सा होंगे। उन्हें उनकी ज़रूरत के हिसाब से सरकारी विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। यूनिक आईडी परियोजना के तहत विभिन्न डेटाबेस को एकीकृत किया जाएगा। परिवार के सदस्यों से संबंधित सभी दस्तावेज भी इसमें शामिल किए जाएंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि परिवार पहचान पत्र बनने से दस्तावेजीकरण और प्रमाणपत्रों देने की जरूरत भी कम होगी। इस पहचानपत्र पर ही व्यक्ति की संपूर्ण जानकारी होगी। इसके माध्यम से ही व्यक्ति की हर क्षेत्र से जानकारी लेना मुमकिन होगा। बैठक में नियोजन सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे आदि मौजूद रहे।
अयोग्य लोग होंगे योजनाओं की पात्रता से बाहर
मुख्य सचिव ने कहा कि यूनिक आईडी प्रोजेक्ट सरकार के नियमों को सख्ती से लागू करेगी। इसके तहत लोग अपनी पात्रता के अनुसार राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं लाभ, सब्सिड़ी का ब्योरा ले सकते हैं। जो लोग पात्र नहीं होंगे, उन्हें योजनाओं से बाहर कर दिया जाएगा। इससे सरकारी कामकाज पर भी असर पड़ेगा।
हरियाणा, कर्नाटक सबसे आगे
परिवार पहचान पत्र प्रोजेक्ट में हरियाणा और कर्नाटक राष्ट्रीय स्तर पर सबसे आगे हैं। दोनों राज्यों में किसी भी सरकारी सेवा का लाभ लेने के लिए व्यक्ति को परिवार पहचान पत्र देना अनिवार्य है।बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर आदि राज्यो में इस पर तेजी से काम चल रहा है।
परिवार पहचान पत्र के नियमों को राज्य में सख्ती से लागू किया जाएगा। इसके माध्यम से विभिन्न स्तर पर मौजूद डेटाबेस को एक प्लेटफार्म पर लाया जाएगा। बल्कि इसमें सभी परिवार के सदस्यों से संबंधित सभी दस्तावेज़ और कागजात भी शामिल करने का प्रस्ताव है। -राधा रतूड़ी, मुख्य सचिव