देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड पॉवर ट्रांसमिशन नेटवर्क को अगले 50 साल की जरूरतों को देखते हुए तैयार किया जाएगा। मंगलवार को पिटकुल बोर्ड बैठक में पांच साल का प्लान रखा गया। तय हुआ कि प्लान को नए सिरे से तैयार किया जाए। इसे तीन श्रेणियों में तैयार किया जाए। अल्प, मध्य और दीर्घकालीन श्रेणियों में बांटते हुए प्लानिंग की जाए। पिटकुल मुख्यालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में नए बिजली सब स्टेशन, नई बिजली लाइनों और पुराने सब स्टेशन और लाइनों की क्षमता वृद्धि का प्लान रखा गया। बताया गया कि राज्य में तेजी से बढ़ती बिजली की मांग, तेजी से बढ़ते बिजली उत्पादन, औद्योगिक निवेश को देखते हुए बिजली का मजबूत ट्रांसमिशन नेटवर्क तैयार किया जाना बेहद जरूरी है। इसी साल गर्मियों में बिजली की मांग बढ़ने से मौजूदा ट्रांसमिशन और सप्लाई सिस्टम पर लोड बढ़ा। इस बढ़े हुए लोड को ध्यान में रखते हुए भविष्य के लिए मजबूत नेटवर्क तैयार किया जाना है। बोर्ड ने तय किया कि प्लान को आगामी 50 साल की जरूरतों को देखते हुए तीन श्रेणियों में तैयार किया जाए। पहली श्रेणी में अल्प अवधि का प्लान बनेगा। इसमें तात्कालिक जरूरतों को जल्द से जल्द पूरा करने की प्लानिंग होगी। दूसरी श्रेणी में मध्य अवधि का प्लान तैयार होगा। इसमें आगामी पांच से दस साल के बीच की जरूरतों के लिहाज से प्लान तैयार होगी। तीसरी दीर्घकालीन श्रेणी में लंबी अवधि की प्लानिंग होगी। बैठक में सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम, एमडी पीसी ध्यानी, स्वतंत्र निदेशक एन रवि शंकर, पराग गुप्ता, एके बड़थ्वाल, जीएस बुधियाल, कम्पनी सचिव अरूण सभरवाल आदि मौजूद रहे।
पारिवारिक पेंशनर्स को 10 साल तक मिलेगी अधिक पेंशन
पिटकुल बोर्ड ने पारिवारिक पेंशन पर भी अहम फैसला लिया। तय हुआ कि ऐसे कर्मचारी, जिनकी मृत्यु नौकरी के दौरान हो जाती है, उन मामलों में परिवार को मृत्यु की तारीख से सात वर्ष के स्थान पर 10 वर्ष की अवधि तक बढ़ी हुई दरों पर पारिवारिक पेन्शन अनुमन्य होगी। पेन्शनर की मृत्यु की दशा में बढ़ी हुई दरों पर पारिवारिक पेन्शन का लाभ पेन्शनर की मृत्यु की तारीख से सात वर्ष अथवा पेन्शनर की आयु 67 वर्ष होने तक मिलेगी।