अल्मोड़ा। सरकारी अधिकारी जनता के प्रति कैसा रवैया रखते हैं इसकी बानगी अल्मोड़ा में चल रहे सीवर लाइन के कार्य में देखने को मिल रही है। सरकारी अधिकारी जनता को कुछ समझते ही नहीं हैं। एक तो सीवर लाइन कार्य को काफी समय हो गया जो कि पूरा नहीं हो पा रहा है। वहीं कार्य में काफी सारी अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं। अल्मोड़ा में सीवर लाइन निर्माण कार्य में अवैध रूप से चल रहा एक ट्रैक्टर जल निगम के अधिकारियों की नजर में ही नहीं आया। रानीधारा क्षेत्र के निवासियों के द्वारा की गई शिकायत के बाद परिवहन विभाग ने अवैध रूप से इस्तेमाल हो रहा ट्रैक्टर जब्त कर लिया। सरकारी अधिकारियों को जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कार्य करने चाहिए लेकिन अल्मोड़ा के जल निगम के अधिकारियों को जनता से कुछ लेना देना नहीं है, वह भी तब जब सीवर लाइन निर्माण कार्य के दौरान जाखनदेवी क्षेत्र में इसी प्रकार विभागीय लापरवाही के चलते एक शख्स की मौत हो गई। एक मौत के बाद भी विभाग नहीं चेता और सीवर लाइन बिछाने के कार्य के दौरान अवैध रूप से कृषि प्रयोजन के ट्रैक्टर का वाणिज्यिक इस्तेमाल किया जा रहा था। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वे मौके पर कार्य का लगातार निरीक्षण करते रहते हैं लेकिन गंभीर मुद्दा है कि अधिकारियों की नजर में यह ट्रैक्टर नहीं आया। सीवर लाइन बिछाने के दौरान इस्तेमाल में आ रहा ट्रैक्टर एम परिवहन वेबसाइट के अनुसार कृषि प्रयोजन का है और इसका इंश्योरेंस और फिटनेस भी समाप्त है। विदित हो कि पूर्व में भी इस तरह के एक ट्रैक्टर से सीवर निर्माण के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी लेकिन इसके बाद भी विभाग नहीं चेता। जल निगम के अधिकारियों से पूछने पर उनका कहना है कि ठेकेदार द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों एवं वाहनों आदि से विभाग का कोई लेना देना नहीं है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि लगातार जल निगम के अधिकारियों के संज्ञान में यह मामला लाया गया लेकिन उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। शुक्रवार सायं जब स्थानीय व्यक्ति ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज की एवं आरटीओ को सूचित किया तब जाकर शनिवार को आरटीओ ने ट्रैक्टर को सीज किया। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि कार्यदाई संस्था पेयजल निगम के अधिकारियों को इससे कुछ मतलब नहीं है कि ठेकेदार जनता की सुरक्षा को ताक पर रखकर काम करे, उन्हें तो सिर्फ काम से मतलब है वो किसी भी तरीके से हो।