रुड़की(आरएनएस)। लग्जरी कार का सहारा लेकर उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड में स्मैक तस्करी का धंधा किया जा रहा है। एसटीएफ की टीम द्वारा घेराबंदी कर नारसन बॉर्डर पर एक कार को रोककर तलाशी ली गई। जिसके चालक के कब्जे से भारी मात्रा में स्मैक बरामद की गई। आरोपी ने पुलिस को अपने अन्य साथियों के नाम भी बताए हैं। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए उसके दो अन्य साथियों सहित कुल तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। एसटीएफ देहरादून की टीम का नेतृत्व कर रहे उप निरीक्षक विकास रावत अपनी टीम के साथ मंगलवार की शाम मंगलौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंचे। नारसन बॉर्डर पर उनके द्वारा स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश की ओर से आने वाले वाहनों की जांच शुरू की। तभी एक कार उत्तर प्रदेश की ओर से आई। पुलिस को देख चालक सकपका गया तथा उसने कार को वापस मोड़ने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस ने उसे वहीं पर दबोच लिया। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। तलाशी के दौरान उसकी कार से 257 ग्राम स्मैक बरामद की गई। एसटीएफ टीम के पास जांच किट भी मौजूद थी। मौके पर ही मादक पदार्थ की जांच की गई तो वह स्मैक ही पाया गया। आरोपी से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के कस्बा मिलक जनपद रामपुर से काफी लंबे समय से स्मैक लेकर आता है तथा देहरादून स्थित एक अन्य को पहुंचने का कार्य करता है। उसके द्वारा बताया गया कि इससे पहले भी वह स्मैक तस्करी के आरोप में जेल जा चुका है। आरोपी के कब्जे से मोबाइल फोन आदि बरामद किए गए। जिसे वह तस्करी के कार्य को अंजाम देता था। इसके साथ ही उसके कब्जे से कार भी बरामद की गई। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम जान आलम निवासी ग्राम रायपुर थाना भगवानपुर हरिद्वार बताया है। जबकि अपने दो अन्य साथियों के नाम वसीम निवासी कस्बा मिलक जनपद रामपुर उत्तर प्रदेश तथा जावेद निवासी गांधी ग्राम देहरादून उत्तराखंड बताए हैं।
वरिष्ठ उप निरीक्षक धर्मेंद्र राठी ने बताया कि एसटीएफ के उप निरीक्षक विकास रावत की तहरीर पर तीनों आरोपियों के खिलाफ प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पकड़े गए आरोपी को चालान करने के बाद कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। जबकि उसके द्वारा बताए गए दो अन्य व्यक्तियों की तलाश के लिए टीमों का गठन किया जा रहा है।