सोसाइटी में शामिल किए जाने का ईएसआई कर्मचारियों ने किया विरोध

देहरादून। कर्मचारी राज्य बीमा योजना संयुक्त संघ ने सोसाइटी गठन का विरोध तेज कर दिया है। कर्मचारियों ने सोमवार से काली पट्टी बांध कर विरोध जताने का ऐलान किया। सोसाइटी गठन के फैसले को कर्मचारी विरोधी फैसला करार दिया। संघ पदाधिकारियों की रविवार को अनुराग नर्सरी कांवली में हुई बैठक में आंदोलन की रणनीति बनाई गई। अध्यक्ष डा. पूनम वर्मा ने कहा कि शासन के सोसाइटी गठन का फैसला समझ से परे है। सोसाइटी गठन को लेकर दूसरे राज्यों में जो भी प्रयास हुए हैं, वे सभी विफल साबित हुए हैं। सोसाइटी गठन कर कर्मचारी हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। ये तक नहीं बताया जा रहा है कि विभाग के तहत सोसाइटी बनाई जा रही है या सोसाइटी में ही विभाग का विलय किया जा रहा है। विभाग और सोसाइटी साथ साथ काम करेंगे या विभाग समाप्त किया जा रहा है, इस पर भी स्थिति साफ नहीं हो रही है। इसे लेकर कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। महासचिव बरकत अली ने कहा कि सोसाइटी गठन के बाद कर्मचारियों को वेतन भत्ते, पेंशन, जीपीएफ, पेंशन, गोल्डन कार्ड का लाभ कैसे दिया जाएगा। ढांचे के तहत स्वीकृत पदों को रखे जाने का भी स्पष्ट उल्लेख नहीं है। ढांचे के पद सोसाइटी में रहेंगे भी या नहीं, ये भी तय नहीं है। कहा कि जब मौजूदा स्टाफ ने ही काम करना है, तो सोसाइटी गठन का क्या लाभ है। बेहतर होता की डिस्पेंसरियों का आधुनिकीकरण किया जाता। सभी कर्मचारियों की नियुक्ति राज्य सरकार की सेवा शर्तों के अधीन हुई है। सोसाइटी बनने के बाद कर्मचारियों को रखे जाने पर क्या पुरानी सेवा शर्तें ही लागू होंगी या सोसाइटी अपनी सेवा, शर्तें लागू करेगी, ये भी स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। कहा कि सोसाइटी बना कर मृतक आश्रितों को अनुकंपा पर मिलने वाली नियुक्ति का लाभ नहीं मिलेगा। कर्मचारी संगठनों का प्रतिनिधित्व समाप्त हो जाएगा। सिर्फ संविदा, आउटसोर्स पर ही काम कराया जाएगा। नियमित नियुक्ति बंद हो जाएगी। इसके विरोध में सोमवार से काली पट्टी बांध कर विरोध जताया जाएगा। बैठक में कोषाध्यक्ष प्रवीन उनियाल, जगतराम थपलियाल, मनोज नेगी, जीसी नौटियाल, अभिषेक आर्य, राजेश कुमार, अजय टम्टा, नीतू शाह, भूपेंद्र, राम सिंह नेगी, अनिता कंडारी, रंजना देवी, गजेंद्र पाल, नेहा, महेंद्र पुंडीर, राकेश खत्री, मार्तण्डराम, आशीष नौटियाल, धीरज आहूजा आदि मौजूद रहे।