रुड़की। बाढ़ के कहर से बेहाल किसान को सरकारी मदद का इंतजार है। उधर, बैंक उन पर कर्ज वसूली का दबाव बनाने लगे हैं। शनिवार को अकौढा में वसूली करने गई बैंक टीम को किसानों ने वापस लौटा दिया। किसानों ने एक साल के लिए वसूली रोकने और एक साल का ब्याज माफ करने की मांग की है।
सोलानी के पानी की बाढ़ ने इस बार लक्सर नगर और देहात में भारी कहर मचाया है। पूरी फसल नष्ट हो जाने के कारण छोटे किसानों के पास खुद की दो जून की रोटी का इंतजाम नहीं है। इसके नुकसान का सर्वे अभी चल रहा है। सर्वे के बाद ही उन्हें सरकारी मदद मिल सकती है। उधर, बैंकों ने उनसे कर्ज वसूली का तकादा करना शुरू कर दिया है। शनिवार को एक बैंक टीम अकौढा खुर्द गांव पहुंचकर किसानों पर कर्जे का पैसा देने का दबाव बनाने लगी। पता चलने पर काफी किसान इकट्ठा हो गए और टीम को घेरकर वसूली का विरोध करने लगे। कहा कि वे खुद का गुजारा नहीं कर पा रहे हैं। सरकार कर्ज वसूली रोकने का दावा कर रही है। उधर, टीम का कहना था कि सरकार का ऐसा कोई आदेश बैंक को नहीं मिला है लेकिन किसान इससे आश्वस्त नहीं हुए।
कर्ज वसूलने गई बैंक टीम को किसानों ने लौटाया
