विकासनगर(आरएनएस)। गायत्री परिवार की ओर से कराए जा रहे 51 कुंडीय महायज्ञ और प्रज्ञा पुराण कथा के तीसरे दिन 550 जोड़ों ने भाग लेकर पुण्य कमाया। कई लोगों ने अपने बच्चों का जन्म दिन संस्कार, विद्यारंभ संस्कार, यज्ञोपवीत संस्कार पूरे कराए। गायत्री परिवार की ओर से दो बच्चों के जन्म दिन संस्कार और 46 बच्चों के विद्यारंभ संस्कार कराए गए। यज्ञ स्थल पर 51 सौ दीपक जलाए गए। कथा व्यास शशिकांत ने गृहस्थ जीवन को जीने की कला का वर्णन किया। कहा कि पति-पत्नी मिलकर एक परिवार का निर्माण करते हैं। बताया कि चारों आश्रम का गृहस्थ आश्रम ही मुख्य आधार है। कहा कि जीवन में निरंतर धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए, धर्म का मार्ग ही मोक्ष का मार्ग है। कथा श्रवण करने वालों में राजीव गौड़, सुमित चौधरी, नीरज, खुशबू, अर्चना, शीतल, सैंकी, संजना, मनोज पंवार, निर्मला आदि शामिल रहे।