विकासनगर(आरएनएस)। चकराता ब्लॉक के खत बन गांव के घणता गांव में 23 माह 16 दिन प्रवास के बाद गढ़ चालदा महाराज रविवार को अपने नए पड़ाव कालसी ब्लॉक के खत सैली के दोहा गांव के लिए रवाना हुए। रविवार सुबह शुभ मुहूर्त में विराजमान स्थान से बाहर आकर महाराज ने हजारों श्रद्धालुओं को दर्शन दिए। हजारों श्रद्धालु महाराज की ऐतिहासिक विदाई के गवाह बने। इस दौरान श्रद्धालुओं ने महाराज की डोली को नमन कर मन्नतें मांगीं। दो वर्ष पूर्व कोटा तपलाड़ से गढ़ चालदा महाराज घणता गांव पहुंचकर यहां मंदिर में विराजमान हुए थे। रविवार को महाराज की यात्रा ने घणता से दोहा की ओर प्रस्थान किया। देव आज्ञा के बाद विधि विधान से सुबह महाराज की डोली, छड़ी और चिह्नों को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ देव धुन पर घणता मंदिर के गर्भगृह से बाहर निकाला गया। मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि आज तक खत बनगांव के ग्रामीण महाराज की सेवा कर रहे थे, अब आगे खत सैली को यह पुण्य अवसर प्राप्त हुआ है। रविवार सुबह ठीक 11 बजकर 28 मिनट पर चालदा महाराज की मंदिर से विदाई की तैयारियां शुरू हुई। जैसे ही महाराज की डोली विदाई के लिए बाहर निकली तो खत बनगांव के लोगों की आंखे छलक आईं। अपने आराध्य देव को गांव से जाता देख ग्रामीण महिला, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग मायूस नजर आए। 30 जून 2022 को महाराज के घणता पहुंचने के बाद से ही पूरी खत महाराज की भक्ति में डूबी हुई थी। पूरी खत में उत्सव का माहौल था। आज महाराज के गांव से जाते ही लोग काफी भावुक होते नजर आए।